एक शराबी ने एक रात बहुत ज्यादा पी ली, इतनी ज्यादा कि उसे होश ही नहीं रहा कि वह कहाँ है।
सुबह जब वह जागा तो उसने पाया कि वह अपने घर में ही है लेकिन साथ ही उसे डर भी सताने लगा कि आज तो पत्नी जबरदस्त हंगामा करेगी।
जैसे-तैसे डरते-डरते उसने आँखें खोलीं तो देखा कि घर में बिजली नहीं है और उसकी पत्नी बड़े प्यार से उसे पंखा झल रही है।
उसके जागते ही पत्नी प्यार से बोली– जाग गए आप? बैठिये, मैं आपके लिए अभी चाय लेकर आती हूँ।
शराबी ने चुपचाप चाय पी ली।
इसके बाद पत्नी बोली– मैं ज़रा सामान लेने बाज़ार जा रही हूँ तब तक आप फ्रेश होकर नाश्ता कर लीजिए। गरमा-गरम नाश्ता रसोई में तैयार रखा है, वापस आकर आपका मनपसंद खाना बनाऊँगी।
शराबी सन्न था, उसे पत्नी के इस बदले व्यवहार की वजह समझ में नहीं आ रही थी।
पत्नी के जाते ही उसने अपने बेटे को बुलाया और पूछा– बेटा, रात को क्या हुआ था?
बेटे ने बताया– रात को 3 बजे आपके दोस्त आपको घर पर लेकर आये थे, आपको बिल्कुल भी होश नहीं था, आते ही आप मेज पर गिर पड़े जिससे मेज का कांच टूट गया। आपने फर्श पर उलटी भी की थी।
शराबी– फिर तो तुम्हारी माँ को बहुत नाराज़ होना चाहिए था पर ऐसा लग नहीं रहा, क्यों?
बेटा– वो तो आपने नशे की हालत में एक ऐसी बात कह दी कि उनका दिल ही जीत लिया बस !
शराबी– क्या? ऐसा क्या कहा मैंने?
बेटा– आपको बिस्तर पर लिटाकर जब वो आपकी गन्दी पैंट उतारने की कोशिश कर रहीं थीं तो आप चिल्लाये- 'भगवान के लिए ऐसा मत करो... मैं शादीशुदा हूँ...!'
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